क्या है CAA और क्यों हो रहा है CAA पर विवाद
Caa kya hai |
नमस्कार मित्रों आप सभी का मेरे ब्लॉग में स्वागत है । मित्रों आज मैं आपको CAA के बारे में विस्तृत रूप से बताऊंगा जो कि आपको जानना बेहद जरूरी है ।
अगर आप CAA के बारे में जानना चाहते हैं और आपको नहीं पता की CAA क्या है तो आप आप हमारी इस लेख में CAA क्या के बारे में विस्तृत रूप से जान पाएंगे ।
दोस्तों पिछले लेख में हमने आपको RSS के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि RSS Kya hai ? RSS के कार्य आदि । अगर आपने हमारा वो लेख नहीं पढ़ा है तो आप उसे जरूर पढ़ें ।
हम इस लेख में निम्न बातों को जानेंगे :
CAA क्या है ?
CAA की आवश्यकता ?
CAA का विरोध उचित !
CAA क्या है
CAA एक कानून है ,यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू ,बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता का प्रस्ताव करता है । इसके साथ ही यह 3 देशों के 6 समुदाय के लोगों को 11 साल भारत में रहने की अवधि में भी छूट प्रदान करता है । इस अवधि को घटाकर 5 साल कर दिया गया है ।
CAA की आवश्यकता
दरअसल 1947 में जब धर्म के आधार पर भारत का विभाजन हुआ, तब लाखों की संख्या में लोगों ने धर्म के आधार पर देश बदला । बहुत से हिंदू ,ईसाई ,पारसी ,जैन व बौद्ध पाक में बस गए और बहुत से मुसलमान भारत में रह गए । यहां यह जानना बहुत ही जरूरी है कि देश का विभाजन जब हुआ तब भारत में मुसलमानों की 8 फीसदी जनसंख्या थी, जो आज (2011 की जनगणना के अनुसार) 14 फीसदी हो गई है । यहां यह गणना भारतीय मुसलमानों के अच्छी स्थिति को दर्शाता है । लेकिन पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों का भाग्य भारत के मुसलमानों जैसा ना तब थी और न ही आज है । वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश ने सेक्युलरवाद को तिलांजलि दे दिया और वहां के अल्पसंख्यको का जीवन नर्क हो गया ।CAA की इन्हीं लोगों के लिए लाया गया है जो स्वयं और धर्म की रक्षा हेतु भारत के अंदर शरणार्थियों के रूप में जीवन जीने को विवश हैं।
उम्मीद करता हूं आपको CAA की आवश्यकता और महत्व दोनों पता चल गया होगा ।
CAA का विरोध क्यों
CAA Kya hai |
इस कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि यह कानून 15 फ़ीसदी मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, जिन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है ।
वास्तव में किसी के लिए भी यह समझना कठिन है कि, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों को नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने की जरूरत क्यों पड़ी ? जबकि यह स्पष्ट है कि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई वास्ता नहीं है ।
नागरिकता कानून को लेकर जो दुष्प्रचार किया जा रहा है वह अज्ञानता से भरा हैं।
सरकार द्वारा बार बार यह स्पष्ट किया जा रहा है कि यह कानून न तो किसी धर्म विशेष का विरोधी है और ना ही पक्षधर , बल्कि शुद्ध रूप से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का है जो स्वयं और धर्म की रक्षा हेतु भारत के अंदर शरणार्थियों के रूप में जीवन जीने को विवश है ।
हम उम्मीद करते हैं कि उपरोक्त लेख को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा कि CAA क्या है और इसको क्यों लाया गया ।
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